
ब्लागिंग का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है, नित नए ब्लाग सामने आ रहे हैं. ब्लागिंग करने के पीछे जो मानसिकता काम कर रही है वो है ब्लागिंग के माध्यम से पैसा कमाना …. ढेर सारा पैसा? आज तकरीबन इंटरनेट से बावस्ता प्रत्येक शख्स ब्लागिंग करना चाहता है…. इस field में career बनाना चाहता है. किन्तु सच्चाई यह है कि किसी भी field में कैरियर बनाना व सफल होना आसान नहीं होता है. हालाकि मनुष्य की अपनी प्राकृतिक – प्रदत लालसाओं में से एक यह भी होता है कि वह एक सफल इंसान बने . लोग उसको जाने –पहचाने व इसके साथ हीं ढेर सारा पैसा भी कमाए. किन्तु सफलता का स्वाद सभी व्यक्ति चख पाते हैं ?
ब्लागिंग – जगत
में प्रवेश हेतु कोई खास निवेश की जरुरत नहीं होती है. Domain name 4 - 5 सौ रुपये में व hosting 2 – 2.5 thousand rs. (Annual charges)
मात्र में खरीदा जा सकता है. जो कि
इतना ज्यादा नहीं है कि कोई शुरुवात नहीं कर सके. यदि कोई कम बजट
पर है तो उसके लिए बहुत सारे अच्छे व फ्री प्लेटफार्म भी Blogspot, wordpress, joomla, drupal, weebly,
wix etc. के रुप में उपलब्ध है जिसका प्रयोग करने के लिए एक भी पैसा खर्च करने की आव्शयक्ता नहीं होती है. यहीं कारण है कि
हरेक व्यक्ति के अंदर यह चाह पैदा हो रही है कि वह ब्लागर बने. हमारे देश भारत में बेकारी व बेरोजगारी की
समस्या भी विकराल रुप में सुरसा की तरह मुंह खोले खडी है. और ऐसे
में एक internet – user जब net surfing के
दौरान यह जानकारी प्राप्त करता है कि कैसे एक ब्लागर (सफल ब्लागर) प्रत्येक
माह लाखों रुपया केवल ब्लागिंग के द्वारा कमा लेता है तो उसके जहन में भी लालच के कीडे कुलबुलाने लगता है. यानि इसको सरल शब्दों में कहें तो वह
ढेर सारे पैसा कमाने का दिवा-स्वप्न में डूब जाता है और
इस निमित वह नेट पर अधिक से अधिक जानकारियां जुटाने में व रिसर्च करने में जुट जाता है व अनततः कुछ दिनों या महीनों रिसर्च करने के बाद इस निर्णय पर पहुंच जाता है कि उसे ब्लागिंग करना है.
इनमें से अधिकांशतः
व्यक्ति फ्री प्लेटफार्म यथा wordpress or blogspot से शुरुवात करता है व इनमें से कुछ की धारणा यह होती है कि यदि भविष्य में ब्लाग अच्छा perform करेगा तो ठीक है, यदि अच्छा नहीं करेगा तो उसे
छोड दिया जाएगा यानि कहने का मतलब यह है कि ऐसे लोग आरंभिक दौर में हीं नाकारात्मक सोंच के साथ कदम उठाते हैं. ऐसे में जब कोई
व्यक्ति नेगेटिव सोंच के साथ काम करेगा तो रिजल्ट भी नेगेटिव हीं निकलेगा.
मैं
मानता हूं कि ऐसे लोगों के लिए ब्लागिंग एक गुड्डे-गुडिया के खेल
से बढकर कुछ नहीं होता है. जैसे गुड्डे-गुडिया
का खेल वैसे हीं ब्लागिंग-ब्लागिंग का खेल. अब आप हीं सोंचिए कि जो व्यक्ति गंभीरता से ब्लागिंग को नहीं लेगा तो वह सफल व्यक्ति कैसे बनेगा ?
अब
मैं आता हूं मुख्य टापिक पर, कि
as a blogger असफल
होने के कौन – कौन से कारण
है –
1.
कम
समय में अधिक से अधिक पैसा कमाने का लोभ – पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं है व
अपने ब्लाग से पैसा कमाना कोई crime की श्रेणी में नहीं आता है. इंटरनेट पर बहुत
सारे ब्लागर हैं जो अपने ब्लाग के जरिए पैसा कमा भी रहे हैं . इनमें से कुछ
ऐसे सफल ब्लागर हैं जो ब्लागिंग के माध्यम से 7
figure income भी
कर रहे हैं. आप भी
कमा सकते हैं किन्तु यह भी एक कडवा सच है कि लालच करना भी बहुत बडी व बुरी बात होती है. आज जितने
भी नए ब्लागर ब्लागिंग की दुनिया में कदम रख रहे हैं उनमें से 98% केवल व केवल पैसा कमाने का लक्ष्य लेकर आ रहे हैं जो उनकी असफलता का मुख्य वजह बनता है. रातों - रात
कोई भी व्यक्ति सफल नहीं होता है. कोई भी बिजनेस
1- 2 माह में नहीं चमकती है. ब्लागिंग भी एक
बिजनेस हीं है जिसे आगे ले जाने के लिए, एक नया
आयाम देने के लिए समय व मेहनत दोनों की दरकार होती है. खास करके ब्लागिंग से दो-तीन माह में पैसा कमाने की बात भी सोंचना निहायत हीं मूर्खता भरा काम है. ब्लागिंग की दुनिया
में कम से कम (यदि उचित रणनीति के साथ
काम करते हैं तब) एक
– डेढ साल का समय केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में हीं व्यतीत हो जाता है. वैसे भी ब्लागिंग
से पैसा कमाने का मुख्य स्रोत google adsense है जो भारतीय ब्लाग या वेबसाइट को कम से कम 6 months के बाद हीं approve करता है. Google adsense बहुत हीं सोंच – समझ कर ऐसा
नियम बनाया है ताकि आप छः माह के दरम्यान अपने ब्लाग को अच्छा से अच्छा बनाए. Quality and descriptive post लिखें, good seo करें आदि-आदि.
2.
लेखन
कला व अभिव्यक्ति की कमी – कोई भी कला
जन्मजात नहीं होती है. मतलब कोई भी व्यक्ति
पैदाइशी गीतकार , संगीतकार , ब्लागर
या लेखक नहीं होता है. रुचि व
passion हीं आपको किसी खास क्षेत्र में आगे ले जाता है. यदि आप नृत्य
करना नहीं जानते तो इसका मतलब यह नहीं कि आप कभी भी नाच नहीं सकते . उचित प्रयास व लगन
हो तो आप नृत्य करना सीख सकते हैं व कर सकते हैं.ठीक उसी प्रकार यदि आपकी रुझान लेखन के प्रति
है तो आप एक अच्छा लेखक भी बन सकते हैं. वशर्ते कि आप
लेखन के प्रति गंभीर हों. संक्षिप्त में
, आपको कोई भी चीज सीखने के लिए स्वयं को तैयार करना पडता है. अपने अन्दर चुपी हुई
talent को विकसीत करना पडता है.
एक लेखक
के लिए सिर्फ लिखना हीं काफी नहीं होता है बल्कि शब्दों का ऐसा ताना – बाना बुनना पडता है ताकि
आपके लिखे एक – एक शब्द
पाठक के दिलो-दिमाग में उतर जाए यानि अभिव्यक्ति ऐसी होनी चाहिए कि पाठक
आपकी वात को आसानी से समझ जाए . ध्यान रखें कि किसी
भी कला या ज्ञान को जानने के लिए समय व मेहनत की आवश्यक्ता होती है.
ऐसे में कुछ नए ब्लागर
अपनी लेखन कला या शैली को विकसीत करने के बजाय copy-paste यानि नकल करने जैसी भारी गलती कर बैठते हैं जो उनके असफल होने का दुसरी बडी वजह है.
ब्लागिंग
जगत में एक slogan or phrase हमेशा देखने व पढने को मिलता है – ‘content is king’ यानि आपके लेख यदि किसी खास मुद्दे को अच्छी तरह से समझाने में सफल है तो आपकी जीत 75% अवश्यंभावी होती है. इसलिए हमेशा इस बात
की तरफ ध्यान दें कि आप जिस विषय पर लिखें वह विस्तृत, ज्ञानवर्द्धक व उपयोगी
होना चाहिए. यह नहीं
कि 250 या 300 words में अपने article को लिख कर उसका इतिश्री मान बैठें.
3.
SEO ज्ञान की कमी – ब्लाग असफल होने का तीसरा
व बहुत हीं जायज कारण ब्लागर में seo skill की कमी होता है. अधिकांश ब्लागर अपने article को
लिखते वक्त यह ध्यान नहीं देते कि उनका article search-friendly (onpage seo) है या नहीं ? बस लेख
लिखा व publish कर दिया. केवल अच्छे लेख लिखना व यह
मान लेना कि ‘content is king’ तो यह भी एक भारी गलती है. मैं यह नहीं
कह रहा हूं कि अच्छे content को कम करके आंकना भी भारी गलती है किन्तु उस content का seo भी बढिया होना अति आवश्यक है. क्योंकि blogging field में
जबरदस्त प्रतिस्पर्द्धा है.लिखने वाले हजारों-लाखों
में हैं. यदि आपके post का
सही seo नहीं होगा तो यह आम पब्लिक तक नहीं पहुंच पाएगा और जब आपके पोस्ट को पढने वाला नहीं मिलेगा तो आपके लिखने का क्या लाभ ? मतलब यह कि
आपका audience हीं आपके लिए सब कुछ होता है. उसी की बदौलत
आप सफल होते हैं और पैसा भी कमाते हैं.
4.
Plan
and knowledge की
कमी – समान्यतः नए ब्लागरों को यह पता हीं नहीं होता कि कैसे प्लान बनाए व उसके हिसाब से काम को आगे बढाएं. इसमें मुख्यरुप से आने
वाली बात निम्नलिखित होता है कि –
-
कैसे
बिजनेस को स्थापित करें ?
-
कितने
staff को नियुक्त करें ?
-
कौन
से staff से कौन सा काम लिया जाय आदि-आदि.
ठीक
उसी तरह एक ब्लागर को भी एक प्लानिंग के तहत काम करना पडता है.
मसलन –
-
कैसे
शुरुवात करें ?
-
कैसे
domain and hosting लें ?
-
किस
प्रकार market research करें ?
-
किस
तरह अपना नालेज बढाएं ?
-
कैसे
ब्लाग की मार्केटिंग करें ?
-
कैसे
ब्लाग का promotion करें ?
-
And
many more.
मतलब
यह कि एक ब्लागर को ‘one man army’ की तरह अपने ब्लाग के हरेक पक्ष की तरफ ध्यान देना पडता है. यदि आप किसी
एक में भी चूक करते हैं तो सफलता आपसे कोसों दुर भाग जाती है.
5.
आत्मविश्वास व
धैर्य की कमी – चूंकि
एक ब्लाग शुरु करना बडा हीं आसान काम है. किन्तु उसे
high-level पर ले जाने के लिए धैर्य व आत्मविश्वास की बहुत
हीं जरुरत होती है. एक नए
research के अनुसार
90% blogs शुरु
के तीन माह में व 7% छः माह
के अंदर बन्द हो जाते हैं. शेष
3% ब्लाग हीं इंटरनेट पर live रह पाते हैं. ऐसे
3% bloggers को
हीं हम धैर्यवान व आत्मविश्वासी मानकर चलते हैं जो कभी भी व किसी भी परिस्थिति में अपना धैर्य नहीं खोते व अपने ब्लाग पर निरन्तर काम करते रहते हैं. चाहे उसके ब्लाग से आमदनी
हो या नहीं हो ?
ब्लाग निरन्तर चलाना अत्यंत हीं परिश्रम व समयखाऊ
जाब है. ब्लागिंग से पैसा
कमाना पहले की तरह अब आसान भी नहीं है. घोर कंपिटिशन है इस
क्षेत्र में. अतः यदि इस क्षेत्र
में लम्बे समय तक टिकना है तो आपको अपने दिमाग के सारे खिडकी – दरवाजों को कम
से कम एक साल तक के लिए खोल कर हिम्मत , मेहनत, धैर्य
व विवेक से बिना रुके – बिना ठहरे आगे बढना पडेगा तभी सफलता आपके कदम चुमेगी क्योंकि संघर्ष करने के बजाय
मैदान छोडकर भागना ज्यादा आसान होता है.
Conclusion …. इस प्रकार आप पाते हैं कि ब्लागिंग करना एक मेहनत
और time consuming
Work
है व बडी हीं consciousness के साथ कदम आगे बढाने पर हीं सफलता का सेहरा माथे पर
चढता
है. अतः मैं हरेक उस आदमी को यहीं कहना चाहुंगा कि मैदान छोडकर भागने से तो किसी भी
क्षेत्र
में सफल नहीं हुआ जा सकता है. लगे रहो मुन्ना भाई - वाले तर्ज पर काम करते रहिए व देखिए , एक न एक दिन
सफलता जरुर आपके कदम चुमेगी.
दोस्तों, यह पोस्ट आपको
कैसी लगी. यदि यह पोस्ट आपको पसन्द आई हो तो इसे सोशल मिडिया पर जरुर शेयर करें. कोई
मन में सवाल हो तो बेहिचक comment करें.
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